- Hindi
परिचय
मनीषा जोषी (जन्म : १९७१, कच्छ - गुजरात) मूलतः गुजराती कवयित्री और लेखिका हैं लेकिन वे हिन्दी और अंग्रेज़ी में भी लिखतीं हैं। उन्होंने १९९५ में महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा से एम. ए. की उपाधि प्राप्त की और मुंबई और लंदन में प्रिंट और टेलीविजन पत्रकारिता में काम किया। अब वे कैलिफोर्निया, यू.एस.ए. में रहती हैं।
उन्होंने गुजराती में चार कविता संग्रह प्रकाशित किए हैं और भारत और विदेशों में विभिन्न साहित्यिक मंचों पर अपनी कविताएँ प्रस्तुत की हैं। उनका पहला कविता संग्रह, “कंदरा” १९९६ में गुजराती साहित्य परिषद, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित किया गया था। दूसरा संग्रह, “कंसारा बाज़ार” २००१ में इमेज पब्लिकेशन, मुंबई द्वारा और तीसरा संग्रह, “कंदमूल” २०१३ में इमेज पब्लिकेशन, मुंबई द्वारा प्रकाशित किया गया है। उनका चौथा कविता संग्रह, “थाक” २०२० में आर. आर. शेठ एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित हुआ है। गुजरात साहित्य अकादमी, गांधीनगर ने उनके पहले तीन संग्रहों में से चयनित कविताओं का एक संग्रह भी २०२० में प्रकाशित किया है। उनके कविता संग्रह “कंदमूल” को वर्ष २०१३ का गुजरात साहित्य अकादमी का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। नोर्थ अमेरिका की गुजराती साहित्य अकादमी ने उन्हें २०१८ का श्री रमेश पारेख पुरस्कार प्रदान किया है।
गुजरात साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित "ब्रेथ बिकमिंग ए वर्ड", गुजराती साहित्य परिषद द्वारा प्रकाशित "बियॉन्ड द बीटन ट्रैक: ऑफबीट पोयम्स फ्रॉम गुजरात", तथा वीमेन अनलिमिटेड और वीमेन्स वर्ल्ड (भारत) द्वारा प्रकाशित "जस्ट बिटवीन अस'' और "इंटीरियर डेकोरेशन" नामक काव्य संकलनों में उनकी कविताएँ संकलित हुई हैं। उनकी कविताएँ तथा हिन्दी और अंग्रेज़ी अनुवाद इंडियन लिटरेचर, द वुल्फ, न्यू क्वेस्ट, चंद्रभगा, सदानीरा, पोएटिक प्रिज्म, परब, नवनीत समर्पण, तथापी, साहचर्य वार्षिकी, एतद, समीपे, वही और संधि सहित अनेक प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं।